Thursday, January 31, 2013


आज की फुहार              31-01-2013
         
हाय, हाय आप क्‍यों, मैं ही क्‍यों न विधवा हो जाऊं\

एक पति प्रात: नींद से उठे तो बहुत उदास थे। पत्नि ने पूछा, ''आप उदास क्‍यों हैं\''

पति ने उसे टालते हुये उत्‍तर दिया, ''नहीं, कुछ नहीं, यों ही।''

पत्नि ने बहुत स्‍नेह जताते हुये इसरार किया, ''नहीं, कुछ बात तो है। आप मुझ से छुपा रहे हैं।''

पति खुला। बोला, ''मैंने रात एक बुरा सपना देखा।''

पत्नि की उत्‍सुकता बढ़ गई। बोली, ''बताओं क्‍या देखा\''

पति ने फिर टालने की कोशिश की। ''नहीं, कुछ नहीं। यूं ही।''

पत्नि की उत्‍सूकता व चिन्‍ता और भी बढ़ गई। बोली, ''नहीं। तुम्‍हें तो बताना ही होगा। तुम्‍हें मेरी कसम।''

चिन्‍तामग्‍न उसने बेमन से कहा, ''रात सपने में मैंने देखा कि मैं विधुर हो गया।''

पत्नि यह सुनकर बहुत चिन्तित हो उठी और तुरन्‍त बोली, ''हाय-हाय आप क्‍यों हों, मैं ही क्‍यों न विधवा हो जाऊं।''

(सुनी-सूनाई)

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