Friday, October 31, 2014

एक सच्‍ची घटना — ''मेरे लिये केवल थोड़ा-सा भूसा''

एक सच्‍ची घटना
''मेरे लिये केवल थोड़ा-सा भूसा''

चण्‍डीगढ़ में एक डीऐसपी थे। उनके पिता भी पुलिस ही में थे थानेदार। वह रोहतक जि़ला के थे जो आजकल हरियाणा में है। उन्‍होंने बताया कि एक बार उनके पिता अपने प्रवास पर एक गांव गये। गांव के लम्‍बरदार ने उन्‍हें अपने घर खाने पर बुलाया और पूछा — आप क्‍या खाना पसन्‍द करेंगे\

थानेदार न मांस खाते थे, न मछली। उन्‍होंने कहा — मुझे तो बस मक्‍की की मिस्‍सी रोटी और लस्‍सी दे दो। और कुछ नहीं चाहिये। मेरे लिये इससे बढि़या और कोई चीज़ नहीं है।

थानेदार साहिब के साथ एक अरदली सिपाही भी था। लम्‍बरदार ने उससे पूछा — भाई साहिब, आपके लिये क्‍या बनवाऊं\

सिपाही सहज भाव से बोला — साहिब, मेरे लिये तो आप बस थोड़ा सा भूसा ही मंगवा दीजिये।

लम्‍बरदार अचम्‍भे में पड़ गया। उसने पूछा — हवलदार साहिब, क्‍या मुझसे कोई ग़लती हो गई\

सिपाही बोला — साबॅ, आप क्‍या बोल रहे हैं\ मैं तो यह बता रहा था कि मेरा बॉस मिस्‍सी रोटी व लस्‍सी पी रहा है। मैं तो उसके बराबर का खाना नहीं खा सकता और उससे नीचे तो बस भूसा ही है जो में खा सकता हूं।



सब हंस पड़े।                                 $$$

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